क्यों भगवान गणेश के पीठ के दर्शन नहीं करने चाहिए?
क्यों भगवान गणेश के पीठ के दर्शन नहीं करने चाहिए?
सभी घरो में शुभ काम में सबसे पहले शिव और पार्वती के प्रिय पुत्र गणेश की पूजा की जाती है। इनके दर्शन करने मात्र से सारे विध्नों का निवारण हो जाता है। इनकी इतनी पूजा करने के बाद भी कभी किसी भक्त को पीठ के दर्शन नहीं करने चाहिए, ना ही कभी किसी ने किये होंगे।
गणेश जी की पत्नियाँ रिद्धि सिद्धि पुत्र शुभ लाभ और खुद विघ्न विनाशक है ।मतलब ऐसे देवता जो अपने भगतो के सभी सुख, समृद्धि, ज्ञान आदि सबको समझ कर अपने को प्रदान कर सके। गणेश जी की पूजा आरती में भी इनको श्री अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता भी कहते है, लेकिन पुराणों में क्यों गणेश जी के पीठ का दर्शन करना गलत बताया गया है ।
गणेश जी के पीठ पर दरिद्ता का वास माना जाता है ।
पुराणों में कहते है, की गणेश जी के समस्त शरीर पर बह्मांड से जुड़े अंग निवास करते है। इनके सूंड पर धर्म, नाभि में जगत, नयनो में लक्ष्य, कानो में ऋचाएं, मस्तक पर ब्रह्मलोक, बाये हाथ पर अन्न, पेट में समृधि पर इनकी पीठ पर दरिद्ता का निवास है। गणेश पुराण के अनुसार शिव ने इन्हे पुत्र प्राप्ति के लिए तपस्या की थी, तब गणेश कृष्ण के रूप में अवतरित हुए थे ।
अतः गणेश जी के पीठ के दर्शन करने से उस इंसान पर और उसके घर परिवार पर गरीबी का अकाल पड़ जाता है। अतः भूल कर के भी ये गलती ना करे अगर आपसे ऐसी कोई गलती हो जाये तो आप गणेश जी से माफ़ी मांग कर उनकी पूजा अर्चन करे जिससे आपका ये प्रभाव दूर हो जाये ।
सभी घरो में शुभ काम में सबसे पहले शिव और पार्वती के प्रिय पुत्र गणेश की पूजा की जाती है। इनके दर्शन करने मात्र से सारे विध्नों का निवारण हो जाता है। इनकी इतनी पूजा करने के बाद भी कभी किसी भक्त को पीठ के दर्शन नहीं करने चाहिए, ना ही कभी किसी ने किये होंगे।
गणेश जी की पत्नियाँ रिद्धि सिद्धि पुत्र शुभ लाभ और खुद विघ्न विनाशक है ।मतलब ऐसे देवता जो अपने भगतो के सभी सुख, समृद्धि, ज्ञान आदि सबको समझ कर अपने को प्रदान कर सके। गणेश जी की पूजा आरती में भी इनको श्री अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता भी कहते है, लेकिन पुराणों में क्यों गणेश जी के पीठ का दर्शन करना गलत बताया गया है ।
गणेश जी के पीठ पर दरिद्ता का वास माना जाता है ।
पुराणों में कहते है, की गणेश जी के समस्त शरीर पर बह्मांड से जुड़े अंग निवास करते है। इनके सूंड पर धर्म, नाभि में जगत, नयनो में लक्ष्य, कानो में ऋचाएं, मस्तक पर ब्रह्मलोक, बाये हाथ पर अन्न, पेट में समृधि पर इनकी पीठ पर दरिद्ता का निवास है। गणेश पुराण के अनुसार शिव ने इन्हे पुत्र प्राप्ति के लिए तपस्या की थी, तब गणेश कृष्ण के रूप में अवतरित हुए थे ।
अतः गणेश जी के पीठ के दर्शन करने से उस इंसान पर और उसके घर परिवार पर गरीबी का अकाल पड़ जाता है। अतः भूल कर के भी ये गलती ना करे अगर आपसे ऐसी कोई गलती हो जाये तो आप गणेश जी से माफ़ी मांग कर उनकी पूजा अर्चन करे जिससे आपका ये प्रभाव दूर हो जाये ।
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